Friday, July 26, 2019

निजीकरण का रास्ता अपनाकर सरकार आरक्षण को निष्प्रभावी करना चाहती है : डॉ आर एस पटेल


आरक्षण पर सरकारों द्वारा जब सीधा हमला करना असंभव हो गया तो निजीकरण का रास्ता अपनाकर सरकारी नौकरियों को निजी कंपनियों को सौंप रही है। इरादा साफ है पिछड़ों के आरक्षण को खत्म करने का क्योकि निजी क्षेत्र में आरक्षण के कोई मायने नही। बड़े बड़े पूंजीपतियों तथा कुबेरपतियों के दामन में बैठी हुई राज्य को जन कल्याण से क्या।

आज वक्त की मांग हैकि हम राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज से प्रेरणा लेते हुए अपने प्रतिनिधित्व की मांग करें। शाहूजी महाराज का मानना था कि आरक्षण केवल नौकरी का मामला नही बल्कि आरक्षण हमारे प्रतिनिधित्व का मामला है। वजह यही रहा कि शाहूजी महाराज अनुपातिक प्रतिनिधित्व की वकालत किया करते थे।

संवैधानिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए हमें कोल्हापुर नरेश राजर्षि महाराज छत्रपति शाहूजी द्वारा शुरू किए गए 26 जुलाई के इस आंदोलन को शांत नही होने देना है। इसी पर सरदार सेना का प्रदेश भर में राज्यपाल को नामित ज्ञापन दिया गया।

 इस दौरान कैंट कचहरी मार्ग वरुणापुल के पास पुलिस ने यात्रा को रोकने का भी काफी भरकस प्रयास किया लेकिन उत्साहित कार्यकर्ता अपने अधिकारों को लेकर इतने उत्तेजित रहे कि उनकी भी हिम्मत दम तोड़ती दिखी आखिर में पुलिस वालों को यात्रा का रास्ता छोड़ना ही पड़ा। बाद इसके यात्रा कचहरी मुख्यालय पहुंची जहां जनपदीय प्रतिनिधि को अपना 5 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया।

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