आज देश में विचारधारा की लड़ाई चल रही है। इस समाज को मनुवादियों ने 4 वर्गों में बांट दिया है पहला सामान्य वर्ग, दूसरा अन्य पिछड़ा वर्ग, तीसरा अनुसूचित जाति और चौथा अनुसूचित जनजाति इसके उपरांत भी इस देश की बहुसंख्यक आबादी को हजारों जातियों में बांट दिया है। जिसके कारण हमारे ताकत को बार-बार कमजोर किया जा रहा है। जबकि इस देश में मूल रूप से 2 ही वर्ग हैं एक शोषक वर्ग और दूसरा शोषित वर्ग अथवा सवर्ण और संपूर्ण पिछड़ा वर्ग।
इसलिए अब हम सभी को एक सूत्र में बंधकर इस मनुवादी विचारधारा के सामने समतावादी विचारधारा अर्थात सरदार वादी विचारधारा पर एकजुट होना होगा। इस कार्य हेतु अपनी जिम्मेदारी सामाजिक संगठन सरदार सेना बखूबी निभा रही है। इसके लिए संपूर्ण वंचितों को मिलकर आवाज बुलंद करनी होगी।
पाठकों से अनुरोध है कि सामाजिक संगठनों और लेखनी के माध्यम से हमारी जिम्मेदारी है कि हम संपूर्ण कृषक पिछड़े समाज के अधिकारों के प्रति जागरूक करके आजादी की दूसरी जंग छिड़ी जाए। आइए हम सभी लोग अपने बच्चों के भविष्य के लिए एकजुट होकर आजादी की दूसरी महासंग्राम में हिस्सा लें और अपने आने वाली पीढ़ियों को संवैधानिक न्याय दिलाने का संकल्प लें।
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