वर्तमान केन्द्र व राज्य की सामंतवादी सरकारें किसानों एवं कमेरा समाज को सब्जवाग दिखाकर केन्द्र व राज्यों मे खुद को स्थापित करने के लिए दलितों, पिछडों के हक एवं अधिकार वाले आरक्षण को समाप्त करने का कुचक्र रच रहे हैं। मौजूदा सामंतवादी सरकारें संविधान समीक्षा के बहाने हजारों साल पीछे वाला राजतंत्र (हिटलरशाही) लागू करना चाहते है। जिससे सम्पूर्ण कमेरा समाज पुन: सामंतवादी ताकतों का गुलाम बन जाये। आज बडे दुख के साथ कहना पड़ता है कि लोकसभा और विधानसभा में पिछड़े व दलित समाज के तमाम विधायक व सांसद होते हुए भी सम्पूर्ण कमेरा समाज के हक की कोई आवाज नही उठती, आखिर क्यों?
आईए हम सभी साथी सरदार सेना के साथ मिलकर अपने हक एवं अधिकारों के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ें। यह लड़ाई आजादी की दूसरी लड़ाई होगी जो सच में कामेरों को एक नई ऊंचाई तक पहुंचायेगी, क्योंकि आज हम नहीं जागे तो आने वाले दिनों में हमारे बच्चों के भविष्य के लिए न तो उपयुक्त खेती होगी नही उपयुक्त नौकरी होगी तो अंजाम बहुत भयावह होगा। आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी।
Nice
ReplyDeleteBeri beri nice
ReplyDeleteJai sardaar
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