मैं डॉ आर एस पटेल संयोजक सरदार सेना उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के छोटे से गांव के किसान के बेटा हूँ। मैंने देखा देश जिनकी वजह से एक हो सका जिनके कारण अखंड भारत का निर्माण संभव हुआ ऐसे महापुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के वंशज अब तक अशिक्षा गरीबी और अवसरहीनता से मुक्त नहीं हो सका पूरे देश में सिर्फ विकास की बात होती रही पर हम जिस हाल में थे यह सच्चाई कोई नहीं बतलाता तब मुझे यह चाह हुई की हमें समाज को स्थापित करना होगा।
मैं खुद पेशेवर डॉक्टर जो दिन में 400 से 500 मरीजों को देखता चाहता तो मैं अपना जीवन अच्छे से यापन कर सकता था मुझे किसी चीज की तनिक भी कमी नहीं लेकिन समाज में देखने के बाद जो दर्द दिल में जगा मुझे लगा ऐसे बदलाव नहीं हो सकता इसलिए समाज नीति को चुना और अपने समाज को जगाने का शपथ लिया और लगातार अपने समाज के बीच जाकर सरदार वादी विचारधारा को पहुंचाने का निर्णय लिया लेकिन कुछ अराजक लोग जो मेरी कम उम्र और अनुभवहीनता पर लगातार सवाल उठाते रहे मगर कोई भी सब सीख कर नहीं आता ऐसा कहा जाता है.
परिस्थितियां सब सिखा देती हैं और हम समय के तरासे हुए व्यक्तित्व हैं हमें इनका कोई फर्क नहीं पड़ता हमें समाज ने जो अवसर दिया है. उसको हमने समाज के लिए न्योछावर कर दिया है अब बस एक ही लक्ष्य है हमारा कि समाज देश में स्थापित हो इसके लिए जो कुछ करना होगा हमें स्वीकार्य है।